BRICS Kya Hai, किसी भी देश को सुचारु रूप से चलाने के लिए देश के अंदर हर मुद्दे और काम के लिए सभी के सहयोग की जरूरत पड़ती है, वैसे ही कुछ ऐड काम जिन्हें पूरा करने के लिए अन्य देशों के सहयोग और सलाह की आवश्यकता होती है।
ऐसे में इन मुद्दों के लिए सभी देशों को एक मंच पर आना पड़ता है, उन्हीं में से एक है “BRICKS” जो किसी भारत तथा इसके अन्य सदस्य देशों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज इस लेख में हम “BRICKS” के बारे में बात करेंगे, BRICKS Kya Hai? इसकी स्थापना कब और किस उद्देश्य के लिए की गई, तथा इससे जुड़े अन्य चीजों के बारे में भी बात करेंगे।
BRICS Kya Hai –
ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है, लेकिन एक बात ध्यान दें, इसी संगठन से मिलता जुलता एक और संगठन “BRIC” भी होता है, जो कि अलग संगठन है।
ब्रिक्स के सदस्य देश या राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं, सदस्य देशों के नामों के पहले अक्षर के आधार पर B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का नाम रखा गया है।
वर्ष 2010 में इस समूह को दक्षिण अफ्रीका ने ज्वाइन किया उसके बाद से इसे ब्रिक्स के नाम से जाना जाने लगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे “ब्रिक” के नाम से जाना जाता था, जिसके बारे में हमने ऊपर बात की है।
इन सदस्यों में रूस को छोड़कर समूह के सभी सदस्य विकासशील या नव औद्योगीकृत देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास हो रहा है।
साल 2019 तक ब्रिक्स देश, दुनिया की 52 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते है, और राष्ट्र संयुक्त विदेशी मुद्रा भंडार में ४ खरब अमेरिकी डॉलर का योगदान करते हैं (अनुमानित)।
ब्रिक्स देशों की मुद्रा का पहला अक्षर, अंग्रेजी के ‘R’ से शुरू होता है, इसलिए R5 के नाम से भी जाना जाता है।
ब्रिक्स के सदस्य राष्ट्रों के सभी सकल घरेलू उत्पाद को मिला दिया जाए तो यह 15 खरब अमेरिकी डोलोर का है जो कि वैश्विक जीडीपी में 23% का योगदान देता है।
ब्रिक्स का 13वां शिखर सम्मेलन भारत में हुआ था और 14वां शिखर सम्मेलन चीन के हाथों सौंपी गई है।
ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्ष –
ब्राजील | राराष्ट्रपति: दिल्मा रोउस्सेफ |
रूस | राष्ट्रपति: व्लादिमिर पुतिन |
भारत | प्रधानमंत्री: नरेन्द्र मोदी |
चीन | राष्ट्रपति: शी जिनपिंग |
दक्षिण अफ्रीका | राष्ट्रपति: जैकब ज़ुमा |
इस समूह की प्रारंभिक चार ब्रिक राष्ट्रॊ (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) के विदेश मंत्री, सितंबर 2006 में न्यूयॉर्क शहर में मिले और उच्च स्तरीय बैठकों की एक श्रृंखला की शुरुआत हुई, इसके बाद 16 जून 2008 को एक पूर्ण पैमाने की राजनयिक बैठक रूस के येकतेरिनबर्ग में सम्पन्न हुई।
इसके बाद वर्ष 2010 में, दक्षिण अफ्रीका ने ब्रिक ग्रुप में पांचवें देश के रूप में शामिल होने के प्रयास शुरू किए, और इसके औपचारिक प्रवेश की प्रक्रिया इसी वर्ष अगस्त में शुरू हुई।
इसके बाद समूह में शामिल होने के लिए ब्रिक देशों द्वारा औपचारिक रूप से आमंत्रित किए जाने के बाद, 24 दिसंबर 2010 को दक्षिण अफ्रीका आधिकारिक तौर पर ब्रिक ग्रुप का एक सदस्य राष्ट्र बन गया और समूह का नाम बदलकर ब्रिक्स कर दिया गया, जिसमें “एस” अक्षर दक्षिण अफ्रीका को प्रतिनिधित्व करता है।
इसके बाद अप्रैल 2011 में, सान्या, चीन में हुये ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, जैकब ज़ुमा, एक पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए।
स्थापना | वर्ष 2009 |
सदस्य देश | ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और 2010 में दक्षिण अफ्रीका |
उद्देश्य | उभरती अर्थव्यवस्थाओं के आर्थिक सहयोग और समन्वय तथा सभी देशों को अन्तराष्ट्रीय मुद्दों पर एक साथ लाया जा सके। |
प्रतिनिधित्व | दुनिया की आबादी का 42%, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 16%, भूमि क्षेत्र का 30% और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24% |
ब्रिक्स का महत्त्व –
1. ब्रिक्स के अंतर्गत दुनिया के पाँच बड़े राष्ट्र आते है, यह समूह दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी को भी प्रतिनिधित्व करता है।
दुनिया की आबादी का 42%, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 16%, भूमि क्षेत्र का 30% और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24% इस समूह के द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है।
2. ब्रिक्स ने ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच एक पुल के रूप में काम करने का प्रयास किया, और इन देशों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने की कोशिश की है।
3. ब्रिक्स ने देशों के बीच सुधार का प्रयास किया है, जिससे कि वे विश्व अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों और उभरते बाज़ारों की बढ़ती केंद्रीय भूमिका को प्रतिबिंबित कर सकें और सभी को एक साथ लेकर विकास के मार्ग पर चलना आसान हो।
4. इस संगठन की मदद से कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर एक सामान्य दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिली है, जहां अब देश किसी एक मुद्दे पर आपसी सहमति बना सकते है।
जिसमें आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था के रूप में एक वित्तीय स्थिरता प्रणाली, न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना और एक वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास वर्चुअल सेंटर स्थापित करना जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
भारत के लिये ब्रिक्स का महत्त्व –
अभी के समय में चल रही भू-राजनीति ने भारत के लिये अमेरिका और रूस-चीन ध्रुवों के बीच अपने रणनीतिक हितों को संतुलित करने हेतु एक मध्य मार्ग बनाना मुश्किल कर दिया है, लेकिन ब्रिक्स प्लेटफाॅर्म भारत को रूस-चीन ध्रुव को संतुलित करने का अवसर प्रदान करता है।
ब्रिक्स के सदस्य देशों ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक प्रणाली में सुधार करने के एक साझा उद्देश्य का आह्वान किया है, जिसमें एक अधिक न्यायपूर्ण व संतुलित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने की तीव्र इच्छा भी शामिल है, जो कि शायद अलग रहने से होना मुश्किल होता।
ब्रिक्स समूह, भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयासों को तेज़ करने के लिये एक प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराता है।
वैश्विक समूह: भारत सक्रिय रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता हेतु लगातार प्रयास कर रहा है।
ऐसे ही आपसी देशों के मतभेद ब्रिक्स समूह की टेबल पर दूर हो जाते है, जिससे वे संयुक्त रूप से अपने विचारों को रखकर किसी महत्वपूर्ण बिन्दु पर निर्णय ले पाते है।
Brics Summit List –
पहला ब्रिक शिखर सम्मेलन –
पहला ब्रिक शिखर सम्मेलन, 16 जून 2009 को येकतेरिनबर्ग, रुस में आयोजित हुआ, यह सम्मेलन मनमोहन सिंह (भारत), दिमित्री मेदवेदेव(रूस), लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा (ब्राजील) और हू जिन्ताओ (चीन) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
पहले ब्रिक सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार और वित्तीय संस्थानों में सुधार किए जाने का था।
दूसरा ब्रिक शिखर सम्मेलन | वर्ष 2010, ब्राजील |
तीसरा ब्रिक शिखर सम्मेलन | वर्ष 2011, चीन |
चौथा चौथा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2012, भारत |
5वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2013, दक्षिण अफ्रीका |
6वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2014, ब्राजील |
7वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2015, रूस |
8वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2016, भारत |
9वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2017, चीन |
10वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | वर्ष 2018, दक्षिण अफ्रीका |
11वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | 2019, ब्राजील |
12वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | 2020 विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग, COVID-19 के कारण |
13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | 2021 विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग, COVID-19 के कारण |
14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन | 2022 विडिओ कॉन्फ्रेंसिं |
Brics vs Nato –
ब्रिक्स की तरह ही नाटो भी एक की देशों का संगठन है, NATO नाटो का गठन 1949 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस सहित 12 देशों ने किया था, इसका फुल फॉर्म “North Atlantic Treaty Organization” होता है।
इसका प्रमुख उद्देश्य सोवियत संघ द्वारा किए जा रहे विस्तार को अवरुद्ध करना था, नाटो के पास अपनी कोई सेना नहीं है, लेकिन सदस्य देश संकटों के जवाब में सामूहिक सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं।
जबकि ब्रिक्स उभरती अर्थव्यवस्थाओं के आर्थिक सहयोग और समन्वय पर आधारित है, जिससे सभी देशों को अन्तराष्ट्रीय मुद्दों पर एक साथ लाया जा सके।
FAQ –
BRICS Kya Hai
BRICS, दुनिया के पाँच बड़े देशों का एक समूह है, जो कि सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के आर्थिक सहयोग और समन्वय पर आधारित है, जिससे सभी देशों को अन्तराष्ट्रीय मुद्दों पर एक साथ लाया जा सके।
BRICS की स्थापना कब हुई थी?
BRICS की स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी ।
साउथ अफ्रीका का ब्रिक्स का सदस्य बना?
वर्ष 2010 में साउथ अफ्रीका ने ब्रिक्स की सदस्यता ग्रहण की और वर्ष 2011 के शिखर सम्मेलन में पूर्ण कालिक सदस्य के रूप में भाग लिया।
Summary –
कई बार ऐसा होता है कि हम अकेले होकर किसी निर्णय पर नहीं पहुँच पाते है लेकिन एक ग्रुप में किसी टॉपिक पर विचार करके किसी निर्णय पर पहुँच सकते है, क्योंकि किसी ग्रुप में हम खुद के अलावा अन्य लोगों के पॉइंट ऑफ व्यू से सोचते है, ये परिस्थिति हर किसी के ऊपर लागू होती है चाहे वह कोई व्यक्ति हो या देशों का समूह।
तो दोस्तों BRICS Kya Hai, ब्रिक्स समूह के बारे में यह लेख कैसा लगा हमें जरूर बताएं नीचे कमेन्ट बॉक्स में, अगर आपके पास इस विषय से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल या सुझाव है तो उसे भी जरूर लिख भेजें, धन्यवाद 🙂